
सिरसा। कोरोना संकट के समय देश का हर नागरिक और हर वर्ग चुनौतियों से जूझ रहा है। व्यापारी वर्ग भी इससे अछूता नहीं है। 'एमएलएजी.कॉम' ने नगर के अनेक व्यापारियों से उनके दरपेश समस्याओं और उनके समाधान पर बात की।
खाद - बीज विक्रेताओं को मिले राहत
स्थानीय जनता बावन रोड पर बीज आदि के कारोबार से जुड़े नत्थू राम का कहना है कि इस समय किसान अपनी फसल कटाई और अगली फसल की बुआई की तैयारी में लगा है। ऐसे में उसे बीज की बेहद जरुरत है। जिला प्रशासन ने कोरोना संकट के हालत में जो भी व्यवस्था की है बीज - खाद विक्रेता उन्हें हर तरह का सहयोग भी कर रहे हैं। प्रशासन ने उन्हें अपनी दुकाने बारी से खोलने की व्यवस्था क्र दी है लेकिन एक दूकानदार की बारी लगभग पांच दिन के अंतर से आ रही है जिससे किसानों को अपनी मर्ज़ी की दूकान और मर्ज़ी की कंपनी के बीज खरीदने में असुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि इस बारी में भी दूकानदार को कुछ घंटे ही दूकान खोलने की अनुमति है। ऐसे में अगर इस दिए गए समय से आगे - पीछे उनका बीज किसी दूसरे स्थान से आता है तो उसे गोदाम में उतरवाने तक में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। नत्थू राम ने कहा प्रशासन की व्यवस्था उचित है लेकिन इसमें सुधार की आवश्यकता है।
बिजली के बिल माफ़ करे सरकार
सक्रिय सामजिक कार्यकर्ता और सिरसा विकास मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य वरुण छाबड़ा का कहना है इस समय जब सम्पूर्ण लॉकबंदी के कारण कारोबार ठप्प हैं ऐसे में व्यापारी को सरकार द्वारा बिजली के बिल माफ़ करके राहत प्रदान करनी चाहिए। छाबड़ा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सभी वर्गों के लिए कई घोषणाएं करके राहत प्रदान की है लेकिन व्यापारी वर्ग आभी प्रतीक्षा ही कर रहा है। ऐसे में लॉकडाउन के समय का बिजली का बिल माफ़ करके सरकार इस मुश्किल घडी में सहारा दे सकती हैं। उन्होंने घरेलु बिजली बिलों पर भी न्यूनतम स्लैब के अनुसार बिल लिए जाने मांग सरकार से की।
कपड़ा व्यवसाय में आया बड़ा संकट
स्थानीय मोहता मार्किट में कपडे का व्यवसाय करने वाले और होलसेल क्लॉथ एसोसिएशन के सचिव योगी मेहता का कहना है कि करना संकट काल में कपड़ा व्यसायियों पर बेहद भारी पड़ा है। जब लॉक डाउन शुरू हुआ उस समय शादियों का सीजन शुरू हो चुका था और कपड़ा व्यापारियों ने उसी को देखते हुए अपना माल स्टॉक किया था। ऐसे में जबकि अन्य व्यवसायों को कुछ समय दुकाने खोल कर छूट दी गयी कपड़ा व्यापारियों को ऐसी कोई छूट नहीं मिली। ऐसे में उनपर बैंक की लिमिट, दूकान के कर्मचारियों तथा अन्य सभी खर्चों का भोज ज्यों का त्यों है। उन्होंने कहा अब जबकि सब लॉक डाउन की भेंट चढ़ रहा है व्यापारी कुछ भी करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा की उनका व्यापार को पहले से ही नोटबांडी, जीएसटी की मार से नहीं उबरा था उस पर यह दुकान बंदी उन पर कुठारघात ही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को कम से कम विशेष परिस्थितियों में दुकानें खोलने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। ऐसे में लोग सुख - दुःख के समय जरुरी कपड़ों की खरीद कर सकें।
सरकारी दुकानों का किराए मिले छूट
स्टेशनरी व्यवसायी विशु जग्गा का कहना है राज्य सरकार के अनेकों संस्थानों द्वारा अपनी दुकाने किराये पर दी हुईं हैं। जिसमे सिरसा में हुडा विभाग, मार्किटिंग बोर्ड, नगर परिषद्, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट और बाल भवन आदि की दुकाने शामिल हैं। सरकार को इन दुकानदारों को तुरंत प्रभाव से लाभ पहुंचते हुए इनका कम से कम तीन महीने का किराया माफ़ करने का फैसला लेना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस लॉकडाउन के खुलने के बाद भी दुकानदारों को अपना कारोबार फिर से स्थापित करने में बड़ी मुश्किल का सामना करना पडेगा। ऐसे में ये मदद उसके लिए सहायक हो सकती है।